11 January 2020
केंद्रीय गृह मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह द्वारा गुजरात टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी के 9वें दीक्षांत समारोह में दिए गए उद्बोधन के मुख्य बिंदु
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी देश-दुनिया के हर मंच पर “न्यू इंडिया" की परिकल्पना का जिक्र जरूर करते हैं और यह भी कहते नहीं चूकते कि हिंदुस्तान को देश के युवाओं के जोश और उनकी प्रतिभा पर गर्व व विश्वास है। इस मिशन को साकार करने की जिम्मेदारी देश के युवाओं के कंधे पर है
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एक ओर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी विद्यार्थियों को आगे बढ़ने का हौसला देते हैं, उनके लिए स्किल इंडिया जैसे इनिशिएटिव लेते हैं तो वहीं दूसरी ओर वे युवाओं को वैश्विक स्पर्धा के लिए स्टार्ट-अप और स्टैंड-अप जैसे प्लेटफ़ॉर्म भी उपलब्ध कराते हैं
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कल 12 जनवरी को ही स्वामी विवेकानंद जी की 157वीं जन्म जयंती है। मैं आज पढ़ाई पूरा कर अपने भविष्य के निर्माण का सपना संजोये हुए निकले छात्रों से अनुरोध करता हूँ कि आप सब स्वामी विवेकानंद जी के पदचिह्नों पर चलने का संकल्प लें
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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी भारत को पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का संकल्प लेकर निकले हैं। देश की जनता इस लक्ष्य को साकार करके रहेगी। देश के युवा अर्थव्यवस्था पर दुष्प्रचार को लेकर कंफ्यूज न हों। उन्हें इकॉनोमी के इस टेंपररी फेज को लेकर निराश होने की कोई जरूरत नहीं है
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1947 से 2014 तक भारत केवल दो ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन पाई जबकि 2014 से 2019 के बीच पांच वर्ष के कालखंड में ही मोदी सरकार ने हिंदुस्तान को तीन ट्रिलियन डॉलर की इकॉनोमी बनाया। पांच वर्षों के एक कालखंड में दुनिया के किसी भी देश ने अर्थतंत्र में इतना उछाल नहीं आया
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देश के युवा अपने कैरियर के चुनाव के समय यह जरूर सोचें कि आप देश के निर्माण में किस तरह योगदान दे सकते हैं। इसके लिए विद्यार्थियों को रिसर्च और डेवलपमेंट पर अधिक फोकस करना होगा। बिना शिक्षा का वास्तविक उद्देश्य जाने लक्ष्य को पाया नहीं जा सकता है
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चाहे पराली की समस्या हो या ग्लोबल वार्मिंग, समस्याओं पर काबू पाने में तकनीक किस तरह मददगार हो सकता है, उस ओर भी ध्यान देने की जरूरत है। जैसे स्पेस टेक्नोलॉजी का उपयोग कर हमें मत्स्य उत्पादन में तीन गुनी वृद्धि देखने को मिली है, उसी तरह हम अन्य क्षेत्रों में भी तकनीक का उपयोग कर सकते हैं
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मैं पर्यावरणविदों से भी अपील करता हूँ कि आप समस्याएं गिनाने के बदले उनके समाधान के उपाय बताएं
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कई लोग दुनिया में भारतवर्ष की गलत तस्वीर पेश कर रहे हैं लेकिन हमारे देखने का नजरिया यह है कि विश्व में सबसे ज्यादा युवा, डॉक्टर और इंजीनियर भारत के पास हैं और हम इस युवा शक्ति के बल पर बड़ी से बड़ी समस्याओं से भी पार कर सकते हैं
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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश में विकास के नए अध्याय की शुरुआत की है। आधार, डीबीटी, डिजिटल पेमेंट, JAM, स्टार्ट-अप, स्टैंड-अप जैसी योजनाओं से हिंदुस्तान का कायाकल्प हो रहा है। तकनीक को कृषि और स्वास्थ्य सेवाओं से जोड़ने की ओर भी ध्यान देना चाहिए
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जब प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने सौर ऊर्जा के क्षेत्र में 175 गीगावाट का लक्ष्य रखा था तो कई लोगों को इसपर यकीन नहीं आया था लेकिन आज भारत 62 गीगावाट से अधिक सौर ऊर्जा उत्पादन का उत्पादन कर रहा है। इंटरनेशनल सोलर अलायंस का हेडक्वार्टर गुरुग्राम में बना है
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हमारा देश विश्व का सबसे युवा देश है। हमने अपनी एक अलग पहचान बनाई है। आप अपना व्यक्तिगत कैरियर जरूर बनाइये लेकिन साथ ही आपको देश के नवनिर्माण की भी चिंता करनी चाहिए
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प्रधानमंत्री जी हर उम्र के छात्रों के साथ ‘परीक्षा पे चर्चा' करते हैं, छात्रों के जेहन में बैठे डर को बाहर निकालते हैं और उनमें आत्मविश्वास भरते हुए समस्याओं को चुनौतियों की तरह लेने की सीख देते हैं। अभी 20 जनवरी 2020 को ही प्रधानमंत्री जी पुनः दसवीं के छात्रों के साथ ‘परीक्षा पे चर्चा' करने वाले हैं
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हाल ही में एक रैंकिंग में गुजरात टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी ने प्रथम स्थान अर्जित किया है। केवल 12 वर्षों के अल्प समय में ही इतनी बड़ी उपलब्धि प्राप्त करना गुजरात टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी के लिए निस्संदेह एक बड़ी उपलब्धि है
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अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत जो आज महाशक्ति के रूप में स्थापित हुआ है, उसमें महान वैज्ञानिक डॉ साराभाई का योगदान अमूल्य रहा है। वे देश के करोड़ों युवाओं के प्रेरणा के अदम्य स्रोत रहे हैं। उन्हें थीम बना कर जीटीयू ने एक सराहनीय कार्य किया है
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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार का यह संकल्प है कि 2022 तक तक के हर गरीब के पास अपना घर होगा, घर में बिजली, पानी, गैस और शौचालय होंगे
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केंद्रीय गृह मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह जी ने आज शनिवार को गांधीनगर (गुजरात) में गुजरात टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी के 9वें दीक्षांत समारोह को संबोधित किया और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में देश भर में चल रही विकास यात्रा की विस्तार से चर्चा करते हुए भविष्य की कई योजनाओं की रूप-रेखा पर प्रकाश डाला। ज्ञात हो कि गुजरात टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (GTU) के इस दीक्षांत समारोह में कुल 61042 छात्र डिग्री प्राप्त कर अपने नए जीवन की शुरुआत कर रहे हैं। 133 विद्यार्थियों को केंद्रीय गृह मंत्री जी ने विशेष बधाई दी जिन्होंने अपने-अपने ब्रांच में गोल्ड मेडल प्राप्त किया है। साथ ही, 39 विद्यार्थियों को पीएचडी की उपाधि भी प्रदान की गई।
श्री शाह ने कहा कि कल 12 जनवरी को ही स्वामी विवेकानंद जी की 157वीं जन्म जयंती है। मैं आज पढ़ाई पूरा कर अपने भविष्य के निर्माण का सपना संजोये हुए निकले छात्रों से अनुरोध करता हूँ कि आप सब स्वामी विवेकानंद जी के पदचिह्नों पर चलने का संकल्प लें। आप शिक्षा का अर्थ तभी समझेंगे जब आपको शिक्षा की शक्ति और उसके उद्देश्यों का भान होगा। बिना शिक्षा का वास्तविक उद्देश्य जाने लक्ष्य को पाया नहीं जा सकता है। उद्देश्य के बिना ज्ञान आपको अपने लक्ष्य से भटका सकता है। मेरा आप सभी छात्रों से यही अनुरोध है कि आप स्वामी विवेकानंद जी के विचारों के आधार पर आगे बढ़ कर देश की समस्याओं के निराकरण के प्रति अपना योगदान दें। उन्होंने कहा कि मैं जीटीयू की विकास यात्रा का साक्षी रहा हूँ क्योंकि मैं गुजरात टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी के स्थापना समारोह में भी उपस्थित था और आज इस 9वें दीक्षांत समारोह कार्यक्रम में भी शिरकत कर रहा हूँ।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी देश-दुनिया के हर मंच पर “न्यू इंडिया" की परिकल्पना का जिक्र जरूर करते हैं और यह भी कहते नहीं चूकते कि हिंदुस्तान को देश के युवाओं के जोश और उनकी प्रतिभा पर गर्व व विश्वास है। उन्होंने युवाओं के भविष्य को नया आसमान दिया है। प्रधानमंत्री जी हमेशा किसी न किसी रूप में देश के युवा वर्ग से जुड़े रहते हैं और उनकी हर योजना में यह परिलक्षित भी होता है। वे हर उम्र के छात्रों के साथ ‘परीक्षा पे चर्चा' करते हैं, छात्रों के जेहन में बैठे डर को बाहर निकालते हैं और उनमें आत्मविश्वास भरते हुए समस्याओं को चुनौतियों की तरह लेने की सीख देते हैं। अभी 20 जनवरी 2020 को ही प्रधानमंत्री जी पुनः दसवीं के छात्रों के साथ ‘परीक्षा पे चर्चा' करने वाले हैं। एक ओर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी विद्यार्थियों को आगे बढ़ने का हौसला देते हैं, उनके लिए स्किल इंडिया जैसे इनिशिएटिव लेते हैं तो वहीं दूसरी ओर वे युवाओं को वैश्विक स्पर्धा के लिए स्टार्ट-अप और स्टैंड-अप जैसे प्लेटफ़ॉर्म भी उपलब्ध कराते हैं। समुचित शिक्षा की प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की इस कल्पना का फायदा निश्चित रूप से देश के युवाओं को हो रहा है।
श्री शाह ने कहा कि हाल ही में एक रैंकिंग में गुजरात टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी ने प्रथम स्थान अर्जित किया है। केवल 12 वर्षों के अल्प समय में ही इतनी बड़ी उपलब्धि प्राप्त करना गुजरात टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी के लिए निस्संदेह एक बड़ी उपलब्धि है। वर्तमान में इस विश्वविद्यालय में लगभग 4,50,000 छात्र और 17,000 से अधिक शिक्षक कार्यरत हैं। यह श्री नरेन्द्र भाई मोदी जी के ही विजन का परिणाम है। उनके गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए ही इस यूनिवर्सिटी की नींव रखी थी और यह अस्तित्व में आया था। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का स्पष्ट मानना रहा है कि टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटीज में निरंतर बदलाव होते रहना चाहिए, नए-नए डायमेंशन जुड़ते रहने चाहिए ताकि संस्थानों को वैश्विक स्पर्था के अनुरूप विकसित किया जा सके। वर्तमान में इस विश्वविद्यालय में 750 अंतर्राष्ट्रीय छात्र विभिन्न संकाय में अध्ययन कर रहे हैं। और जितने भी विदेशी छात्र यहाँ आयेंगे, यह संस्थान के लिए भी और देश के लिए भी काफी गर्व का विषय होगा।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज मैं इस अवसर पर डॉ विक्रम साराभाई को जरूर याद करना चाहूंगा। अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत जो आज महाशक्ति के रूप में स्थापित हुआ है, उसमें महान वैज्ञानिक डॉ साराभाई का योगदान अमूल्य रहा है। वे देश के करोड़ों युवाओं के प्रेरणा के अदम्य स्रोत रहे हैं। उन्हें थीम बना कर जीटीयू ने एक सराहनीय कार्य किया है। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत के तहत गुजरात टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी ने 9 हजार गाँवों में शौचालयों के निर्माण में सहयोग किया है जिसका उल्लेख स्वयं प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने ‘मन की बात' में किया है। हमें विश्वास है कि जीटीयू मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, स्टैंड-अप इंडिया, स्किल इंडिया आदि योजनाओं में इसी तरह योगदान देता रहेगा।
श्री शाह ने कहा कि हमारा देश विश्व का सबसे युवा देश है। हमने एक युवा देश के तौर पर अपनी अलग पहचान बनाई है। उन्होंने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि आप अपना व्यक्तिगत कैरियर जरूर बनाइये लेकिन साथ ही आपको देश के नवनिर्माण की भी चिंता करनी चाहिए। आपको इस पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए कि देश की समस्याओं के निराकरण में टेक्नोलॉजी का सही उपयोग कैसे किया जाय? चाहे पराली की समस्या हो या ग्लोबल वार्मिंग, इस समस्या पर काबू पाने में तकनीक किस तरह मददगार हो सकता है, हमें उस ओर भी ध्यान देने की जरूरत है। जैसे स्पेस टेक्नोलॉजी का उपयोग कर हमें मत्स्य उत्पादन में तीन गुनी वृद्धि देखने को मिली है, उसी तरह हम अन्य क्षेत्रों में भी तकनीक का उपयोग कर सकते हैं। मैं पर्यावरणविदों से भी अपील करता हूँ कि आप समस्याएं गिनाने के बदले उनके समाधान के उपाय बताएं। उन्होंने कहा कि “न्यू इंडिया" की परिकल्पना को साकार करने की जिम्मेदारी देश के युवाओं के कंधे पर है। 50 साल बाद हम नहीं होंगे, हमारे सामने बैठे युवाओं पर ही देश की जिम्मेवारी होगी। आप अपने कैरियर के चुनाव के समय यह जरूर सोचें कि आप देश के निर्माण में किस तरह योगदान दे सकते हैं। इसके लिए विद्यार्थियों को रिसर्च और डेवलपमेंट पर अधिक फोकस करना होगा। आप शॉर्टकट न लेते हुए एक व्यापक परिप्रेक्ष्य की ओर देखें जिसमें देश का कल्याण निहित है। यदि जीटीयू दुनिया में सबसे ज्यादा पेटेंट हासिल करने का रिकॉर्ड बनाता है तो निश्चित रूप से जीटीयू का उद्देश्य सफल होगा और देश में समृद्धि आएगी।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में विकास की कहानियों को सुनाते हुए केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश में विकास के नए अध्याय की शुरुआत की है। 1947 से 2014 तक भारत केवल दो ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन पाई जबकि 2014 से 2019 के बीच पांच वर्ष के कालखंड में ही मोदी सरकार ने हिंदुस्तान को तीन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के रूप में प्रतिष्ठित किया। पांच वर्षों के एक कालखंड में दुनिया के किसी भी देश ने अर्थतंत्र में इतना उछाल नहीं आया। देश के युवाओं को अर्थव्यवस्था में आये टेंपररी फेज की टिप्पणियों पर निराश होने की कोई जरूरत नहीं है। भारत को केवल तीन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना हमारा लक्ष्य नहीं है, 2024 तक हमें हिंदुस्तान को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना है। देश के युवा अर्थव्यवस्था पर दुष्प्रचार को लेकर कंफ्यूज न हों। यदि हिंदुस्तान 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के रूप में प्रतिष्ठित होता है तो इसका सबसे अधिक लाभ देश के युवाओं को ही होगा। हिंदुस्तान की जनता प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की हिंदुस्तान को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के सपने को साकार करके रहेगी क्योंकि पिछले पांच वर्षों में हमने यह करके दिखाया है।
श्री शाह ने कहा कि विगत पांच वर्षों में मोदी सरकार ने घर-घर में बैंक अकाउंट पहुंचाया है जबकि 2014 तक देश की लगभग 60% आबादी इससे महरूम थी। देश के सभी गाँवों में बिजली पहुंचाई गई और अब घर-घर में बिजली पहुंचाई जा रही है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार का यह संकल्प है कि 2022 तक तक के हर गरीब के पास अपना घर होगा, घर में बिजली, पानी, गैस और शौचालय होंगे। उन्होंने कहा कि कई लोग दुनिया में भारतवर्ष की गलत तस्वीर पेश कर रहे हैं लेकिन हमारे देखने का नजरिया यह है कि विश्व में सबसे ज्यादा युवा, डॉक्टर और इंजीनियर भारत के पास हैं और हम इस युवा शक्ति के बल पर बड़ी से बड़ी समस्याओं से भी पार कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि आधार, डीबीटी, डिजिटल पेमेंट, JAM, स्टार्ट-अप, स्टैंड-अप जैसी योजनाओं से हिंदुस्तान का कायाकल्प हो रहा है। उन्होंने कहा कि तकनीक को कृषि और स्वास्थ्य सेवाओं से जोड़ना बहुत जरूरी है, इस दिशा में भी युवाओं को सोचना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने सौर ऊर्जा के क्षेत्र में 175 गीगावाट का लक्ष्य रखा था तो कई लोगों को इसपर यकीन नहीं आया था लेकिन आज भारत 62 गीगावाट से अधिक सौर ऊर्जा उत्पादन का उत्पादन कर रहा है। इंटरनेशनल सोलर अलायंस का हेडक्वार्टर गुरुग्राम में बना है। हमने लगभग 27 करोड़ से अधिक एलईडी बल्ब वितरित कर 7.4 गीगावाट बिजली की बचत की है और इससे लगभग 30 मिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन कम हुआ है।