13 May 2018
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह जी की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा ‘इंपोजिशन ऑफ टैक्स ऐक्ट, 2015’ के तहत पी. चिदंबरम के परिवार के खिलाफ विदेशों में कई अवैध संपत्तियां रखने और विदेशी खातों के संचालन के लिए 4 आरोप-पत्र दायर किए गए हैं
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इनकम टैक्स ने अनुमान लगाया है कि यूपीए सरकार में वित्त मंत्री रहे पी. चिदंबरम के परिवार की अवैध संपत्तियां लगभग तीन बिलियन डॉलर तक हो सकती हैं
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यह स्पष्ट करता है कि क्यों सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी, तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह और तत्कालीन वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने एसआईटी के गठन से अपने कदम वापस खींच लिये थे
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केंद्र में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी सरकार ने अपने पहले ही निर्णय में काले-धन के खिलाफ लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाने के लिए एसआईटी का गठन किया
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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार की भ्रष्टाचार और काले-धन के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति रही है
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मोदी सरकार ने काले-धन पर अंकुश लगाने के लिए कई कदम उठाये हैं जिससे आज विदेशों में अवैध संपत्तियां छुपाने वालों के खुलासे हो रहे हैं, उन पर कड़ी कार्रवाई हो रही है और भारत की अर्थव्यवस्था एक मजबूत, ईमानदार और पारदर्शी अर्थव्यवस्था की ओर तेजी से अग्रसर हो रहा है
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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह ने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा अपनी विदेशी संपत्तियों का खुलासा न करने को लेकर पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के परिवार के खिलाफ ‘इंपोजिशन ऑफ टैक्स ऐक्ट, 2015’ के तहत चेन्नई की स्पेशल कोर्ट में 4 चार्जशीट दाखिल किये जाने को लेकर पी. चिदंबरम एवं कांग्रेस पार्टी पर करारा प्रहार किया है।
श्री शाह ने ट्वीट करते हुये कहा कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा ‘इंपोजिशन ऑफ टैक्स ऐक्ट, 2015’ के तहत पी. चिदंबरम के परिवार के खिलाफ विदेशों में कई अवैध संपत्तियां रखने और विदेशी खातों के संचालन के लिए 4 आरोप-पत्र दायर किए गए हैं। उन्होंने कहा कि इनकम टैक्स ने अनुमान लगाया है कि यूपीए सरकार में वित्त मंत्री रहे पी. चिदंबरम एवं उनके परिवार की अवैध संपत्तियां लगभग तीन बिलियन डॉलर तक हो सकती हैं।
एक अन्य ट्वीट में भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि यह स्पष्ट करता है कि क्यों सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी, तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह और तत्कालीन वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने एसआईटी के गठन से अपने कदम वापस खींच लिये थे जबकि केंद्र में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी सरकार ने अपने पहले ही निर्णय में काले-धन के खिलाफ लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाने के लिए एसआईटी का गठन किया। आखिर वे कैसे स्वयं को ही आरोपी बना सकते थे।
श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार की भ्रष्टाचार और काले-धन के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति रही है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने काले-धन पर अंकुश लगाने के लिए कई कदम उठाये हैं जिससे आज विदेशों में अवैध संपत्तियां छुपाने वालों के खुलासे हो रहे हैं, उन पर कड़ी कार्रवाई हो रही है और भारत की अर्थव्यवस्था एक मजबूत, ईमानदार और पारदर्शी अर्थव्यवस्था की ओर तेजी से अग्रसर हो रहा है।
ज्ञात हो कि मोदी सरकार काले-धन के खिलाफ लड़ाई को जारी रखते हुये 2015 में ‘इंपोजिशन ऑफ टैक्स ऐक्ट, 2015’ का कानून लेकर आई थी जिसके तहत विदेश में संपत्ति छिपाने को जुर्म माना गया। इसके तहत दोषियों को 10 साल तक के सश्रम कारावास और 120 पर्सेंट टैक्स वसूलने का प्रावधान है। इसी एक्ट के तहत इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने पी. चिदंबरम और उनके परिवार के खिलाफ अपनी विदेशी संपत्तियों का खुलासा न करने को लेकर चेन्नई की स्पेशल कोर्ट में 4 चार्जशीट दाखिल की है।